Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरी क्षेत्र स्थित भोज के भरली गांव में हाल ही में एक शादी समारोह ने सभी की आंखें नम कर दीं। यह कोई आम शादी नहीं थी — यहां दुल्हन की विदाई उसके भाई के बिना हो रही थी,वो भाईजिसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। यह विवाह अगस्त 2024में अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन अलर्ट 2024’ के दौरान शहीद हुए फौजी आशीष कुमार की बहन था। रस्मों के बाद जब विदाई का वक्त आया, तो पूरे माहौल में एक अजीब सी चुप्पी और भावुकता छा गई। हर लड़की चाहती है कि उसका भाई विदाई में उसके साथ हो, लेकिन इस दुल्हन के लिए वो मुमकिन नहीं था।
सेना के भाइयों ने निभाया फर्ज
शहीद आशीष कुमार की कमी पूरी की उनके साथी सैनिकों ने। उन्होंने न केवल शादी में शामिल होकर दुल्हन की खुशियों में शरीक़ी निभाई, बल्कि उसकी विदाई भी उसी सम्मान और आत्मीयता के साथ की, जैसे कोई सगा भाई करता। विदाई के समय सेना के जवान दुल्हन के सिर पर फूलों और मालाओं से सजे छत्र (फूलों की छतरी) के साथ चल रहे थे — ये पल इतना भावुक था कि गांव का हर शख्स अपने आंसू रोक नहीं सका। आशीष के दो अन्य भाई खेती-बाड़ी करते हैं, लेकिन शादी के इस खास मौके पर जो साया बहन के सिर पर होना चाहिए था, उसे उनके फौजी साथियों ने पूरी गरिमा से निभाया।
फौज सिर्फ संस्था नहीं परिवार है
इस मौके पर गांववालों ने कहा कि ये साबित करता है कि फौज महज एक डिपार्टमेंट नहीं, बल्कि एक परिवार है। जब कोई सिपाही शहीद होता है, तो उसका पूरा फौजी परिवार उसके परिजनों के साथ खड़ा हो जाता है। आशीष कुमार के बलिदान को गांव कभी नहीं भूल सकता, लेकिन उनकी बहन की शादी ने यह भी दिखा दिया कि शहीद का परिवार अकेला नहीं होता। विदाई के वक्त सेना के जवानों की मौजूदगी ने रिश्तों की परिभाषा को नए मायने दे दिए।